कमर दर्द के लक्षण, कारण, और इलाज
लगभग हर किसी को अपने पूरे जीवन काल में कभी ना कभी कमर दर्द का अनुभव होता हैं। यह दर्द कम या ज्यादा हो सकता है। back pain किसी को कम समय के लिए और किसी को ज्यादा समय तक रह सकता है। back pain किसी-किसी में धीरे-धीरे शुरू होता है और किसी किसी मैं अचानक शुरू हो सकता है। यह आपके रोज के कामकाज में बाधा डाल सकता है। ज्यादातर मामलों में कमर दर्द अपने आप कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है। लेकिन कुछ मामलों में आपको इलाज की जरूरत पड़ सकती है। और low back pain के कई कारण हो सकते हैं।
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Causes of lower back pain कमर दर्द के कारण।
वैसे तो कमर दर्द के कई कारण होते हैं। लेकिन कई बार यह झुकने, भारी सामान उठाने और ज्यादा समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने की वजह से भी हो सकता है। जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे वैसे आपकी रीड की हड्डी में डिजनरेटिव चेंजेस होने लग जाते हैं यह चेंजेस 30 साल की उम्र से होने शुरू हो सकते हैं। जो कि आगे चलकर कमर दर्द का कारण बन सकते हैं।
आइए जानते हैं लो बैक पेन के कुछ मुख्य कारण :-
1. Overactivity ओवर एक्टिविटी
ओवर एक्टिविटी के कारण मसल्स और लिगामेंट फाइबर में तनाव और इंजुरी होती है जिसके चलते कमर दर्द होता है। यह लो बैक पेन का कॉमन कारण है।
2. Slip Disc स्लिप डिस्क
स्लिप डिस्क भी लो बैक पेन का एक बड़ा कारण है। स्लिप डिस्क के कारण आपकी Spinal nerves के ऊपर दबाव पड़ता है जिसके कारण आपकी कमर से लेकर पांव तक दर्द हो सकता है। जिसको हम सायटिका भी कहते हैं। स्लिप डिस्क झुकने या भारी सामान उठाने से भी हो सकता है।
3. Disc degeneration डिस्क डिजेनरेशन
उम्र बढ़ने के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी में मौजूद डिस्क कमजोर या सिकुड़ने लगती हैं। कुछ मामलों में, वे पूरी तरह से सिकुड़ सकती है जिसके परिणाम स्वरूप पीठ में दर्द और जकड़न हो सकती है।
डिस्क डिजेनरेशन की समस्या 30 या 40 वर्ष की आयु में शुरू हो सकती है और फिर धीरे-धीरे स्थिति खराब हो सकती है। डिस्क डिजेनरेशन किसी चोट या किसी खेल या किसी एक ही तरह के कार्य को बार-बार करने की वजह से भी हो सकती है। एक बार डिस्क के खराब होने पर ये अपने आप ठीक नहीं हो सकती।
4. Osteoarthritis ऑस्टियोआर्थराइटिस
ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित मरीजों को सामान्यतः कूल्हों, पीठ के निचले हिस्सों, घुटनों और हाथों में जोड़ों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ मरीजों में, स्पाइनल स्टेनोसिस विकसित हो सकता है, जिसमें रीढ़ की हड्डी के आसपास की जगह संकीर्ण हो जाती है।
5. रीड की हड्डी में चोट लगने के कारण
रीड की हड्डी में चोट लगने या फ्रैक्चर होने के कारण भी बैक पेन हो सकता है
6. कमर दर्द के अन्य कारण
Low back pain और भी कई अन्य वजह से हो सकता है जैसे कि :-
• Spondylolisthesis
• Sacroiliac joint dysfunction
• Periformis muscle syndrome
• Ankolysing spondylitis
• Tuberculosis
• Kindey disease
• Spinal stenosis
• Abnormal spine curvatures
• Infection
• Pregnancy
Symptoms of Lower back pain कमर दर्द के लक्षण
• लो बैक पेन में आपके हिप में, कमर की मांस पेशियों में, और पैरों में दर्द हो सकता है
• पैरों में झनझनाहट और सुन्न होना
• चलने और बैठने पर दर्द होना
• दर्द रीड की हड्डी से लेकर पैरों तक जा सकता है
यदि आपको कमर दर्द के साथ आपको टांगों में कमजोरी या पैरों के सुन्न होने और बुखार या वजन कम होने जैसी समस्या आ रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
Diagnosis of lower back pain कमर दर्द की जांच
लो बैक पेन की जांच के लिए डॉक्टर अन्य जांचों के साथ-साथ आपका फिजिकल एग्जामिनेशन भी करता है जिसमें निम्नलिखित प्रक्रिया है। जैसे कि :-
• Palpation
एक डॉक्टर किसी भी मांसपेशियों की ऐंठन या जकड़न, कोमलता के क्षेत्रों, या संयुक्त असामान्यताओं का पता लगाने के लिए पीठ को टटोल कर देखता है जिसे पैल्पेशन कहा जाता है।
• Range of Motion test
रोगी को कुछ स्थितियों में झुकने के लिए कहा जा सकता है। ये गतिविधियां उन स्थितियों की तलाश के लिए की जाती हैं जो दर्द को बढ़ाती हैं।
• Leg raise test
रोगी को पीठ के बल लेटने और एक पैर को जितना संभव हो उतना ऊंचा और सीधा उठाने के लिए कहा जाता है।
और यदि पैर उठाने से दर्द बढ़ता है तो यह एक हर्नियेटेड डिस्क का संदेह हो सकता है।
•Diagnostic Imaging Tests
रोगी के दर्द के कारण के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए एक इमेजिंग स्कैन की भी आवश्यकता होती है। यदि रोगी का दर्द गंभीर है, तो दो या तीन महीने में राहत नहीं मिलने पर डायग्नोस्टिक इमेजिंग टेस्ट की सलाह दि जा सकती है। जिसमे की X-rays, CT scan और MRI (Magnetic Resonance Imaging scan) शामिल है।
Treatment of lower back pain कमर दर्द का इलाज
लो बैक पेन के लिए कई उपचार विकल्प एक व्यक्तिगत रोगी की जरूरतों के अनुरूप हो सकते हैं। उपचार में घर पर प्रशासित देखभाल, औषधीय उपचार,फिजियोथेरेपी उपचार, और सर्जरी भी शामिल हैं।
• Over-the-counter pain medications
NSAIDs ( नॉन स्टेरायडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स ), जैसे कि ibuprofen, naproxen, और acetaminophen जैसी दवाइयां कमर दर्द को कम कर सकती हैं।
• Heat/ice therapy
गर्म पानी की बोतल, इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड, मांसपेशियों को आराम दे सकते है और रक्त प्रवाह में सुधार हो सकता है। यदि सूजन के कारण लो बैक पेन होता है, तो सूजन को कम करने के लिए बर्फ या ठंडे पैक का उपयोग किया जा सकता है।
• Stretching
कमर, नितंब, कूल्हों और पैरों में विशेषकर हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों में खिंचाव डालने से लगभग सभी को लाभ हो सकता है। ये मांसपेशियां ऊपरी शरीर के वजन का समर्थन करती हैं। आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि 20 से 30 सेकंड के लिए छोटे खिंचाव शुरू करें और दर्द होने पर खिंचाव को रोकें।
• Strengthening exercises
पेट, कूल्हे और ग्लूटस की मांसपेशियों को मजबूत करने से रीड की हड्डी को सपोर्ट मिलती है जिसे कोर की मांसपेशियां भी कहा जाता है, यह लो बैक पेन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
• लो बैक पेन के लिए अन्य उपचार जैसे कि Back braces, Manual manipulation, Acupuncture और Massage therapy का भी इस्तेमाल किया जाता है।
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