🔬LFT टेस्ट में बिलीरुबिन, एल्बुमिन, SGPT, SGOT, और ALP के स्तर को मापकर आपके लिवर के स्वास्थ्य का पता लगाया जाता है। लिवर फंक्शन टेस्ट से लिवर की बहुत सी बीमारियों का पता चलता है।
📒 TABLE OF CONTENT
- LFT टेस्ट (लिवर फंक्शन टेस्ट) क्या है?
- LFT टेस्ट कब और क्यों करवाया जाता है?
- LFT में की जानें वाली जांचे?
- SGPT (ALT) या एलेनिन ट्रांसमिनेज़ जांच?
- SGOT (AST) या एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़ जांच?
- एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP) जांच?
- एल्बुमिन (Albumin) जांच?
- बिलीरुबिन (Bilirubin) जांच?
- लिवर की बिमारियों के लक्षण?
- लिवर फंक्शन टेस्ट रिजल्ट्स नार्मल रेंज?
LFT test |
LFT टेस्ट (लिवर फंक्शन टेस्ट) क्या है?
LFT टेस्ट लिवर की कार्य क्षमता को जांचने वाली एक समान्य ब्लड जांच है, इस जांच से आपके ब्लड में प्रोटीन, लीवर एंजाइम और बिलीरुबिन के लेवल को मापकर लिवर और पित्ताशय की थैली की बीमारियों का पता लगाया जाता है।
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LFT टेस्ट (लीवर फंक्शन टेस्ट) कब और क्यों करवाया जाता है?
लीवर फंक्शन टेस्ट अक्सर निम्नलिखित स्थितियों में करवाया जाता है :-
• हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी जैसे लीवर संक्रमण से होने वाले नुकसान की जांच के लिए।
• कुछ दवाइयों के दुष्प्रभावों की निगरानी के लिए।
• यदि आपको पहले से लिवर संबंधित कोई बीमारी है तो उसकी निगरानी करने के लिए।
• अगर आपको मधुमेह या उच्च रक्तचाप जैसी कोई बीमारी है या फिर आप लंबे समय से शराब का सेवन करते हों तो आपको यह जांच करवाने की सलाह दी जा सकती है।
• अगर आपको पित्ताशय की थैली की बीमारी है।
• अगर आपको लिवर संबंधित किसी बीमारी के कोई लक्षण दिखाई दे रहे हो जैसे कि :- पेट में दर्द होना, उल्टी होना, भूख कम होना, त्वचा और आंखों के रंग का पीला होना।
LFT में आमतौर पर किए जाने वाली जांचे निम्नलिखित हैं :-
• एलेनिन ट्रांसमिनेज़ SGPT (ALT)
• एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़ SGOT (AST)
• एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP)
• एल्बुमिन (Albumin)
• बिलीरुबिन (Bilirubin)
SGPT (ALT) और SGOT (AST) एंजाइमों को मापकर देखा जाता है कि आपके लीवर को कितना नुकसान हुआ है। और एल्बुमिन (Albumin) परीक्षण मापता है कि लिवर अल्बुमिन को कितनी अच्छी तरह से बनाता है। जबकि बिलीरुबिन (Bilirubin) परीक्षण मापता है कि आपका लिवर बिलीरुबिन को शरीर से बाहर निकालने में कितना सक्षम है। एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP) का उपयोग लिवर के पित्त नली प्रणाली के मूल्यांकन के लिए किया जाता है।
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आइए विस्तार में जानते हैं लिवर फंक्शन टेस्ट में आमतौर पर किए जाने वाली जांचों के बारे में :-
1. SGPT (ALT) या एलेनिन ट्रांसमिनेज़ जांच :-
SGPT (ALT) एलेनिन ट्रांसमिनेज़ एंजाइम का उपयोग आपके शरीर द्वारा प्रोटीन को मेटाबोलाइज करने के लिए किया जाता है। यदि लीवर क्षतिग्रस्त है या ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो आपका लिवर SGPT (ALT) को आपके रक्त में छोड़ने लगता है। जिसके कारण SGPT (ALT) का स्तर बढ़ जाता है। और यह लिवर की क्षति का संकेत हो सकता है।
आपके रक्त में SGPT(ALT) की नॉर्मल वैल्यू 10 से 40 U/L यूनिट प्रति लीटर के बीच होती है। यह मानक किसी किसी लैब में अलग भी हो सकते हैं।
2. SGOT (AST) या एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़ जांच :-
SGOT (AST) एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़ आपके शरीर के कई हिस्सों में पाया जाने वाला एक एंजाइम है, जिसमें हृदय, लिवर और मांसपेशियां शामिल हैं। चूंकि SGOT (AST) का स्तर SGPT(ALT) के रूप में लिवर के नुकसान के लिए विशिष्ट नहीं है, इसलिए यह आम तौर पर लिवर की समस्याओं की जांच के लिए SGPT(ALT) के साथ मापा जाता है।
जब लीवर खराब होता है तो आपका लिवर SGOT (AST) या एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़ एंजाइम को आपके रक्तप्रवाह में छोड़ता है। जिसके कारण SGOT (AST) का स्तर बढ़ जाता है और SGOT (AST) का बढ़ा हुआ स्तर लिवर या मांसपेशियों की समस्या का संकेत हो सकता है।
आपके रक्त में SGOT (AST) की भी नॉर्मल वैल्यू 10 से 40 U/L यूनिट प्रति लीटर के बीच होती है।
3. एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP) जांच :-
एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP) आपकी हड्डियों, पित्त नलिकाओं और लिवर में पाया जाने वाला एक एंजाइम है।
एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP) का उच्च स्तर लिवर की सूजन, पित्त नलिकाओं की रुकावट या हड्डियों के रोग का संकेत हो सकता है।
बच्चों और किशोरों में एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP) का स्तर बढ़ सकता है क्योंकि उनकी हड्डियों का विकास हो रहा होता है। गर्भावस्था भी एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP) के स्तर को बढ़ा सकती है। एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP) की नॉर्मल वैल्यू आमतौर पर वयस्कों में लगभग 120 U/L तक होती है।
4.एल्बुमिन (Albumin) जांच :-
एल्ब्यूमिन आपके लिवर द्वारा बनाया जाने वाला मुख्य प्रोटीन है। यह कई महत्वपूर्ण शारीरिक कार्य करता है।
एल्बुमिन आपके खून की नसों में से तरल पदार्थ को बाहर निकलने से रोकता है, आपके ऊतकों को पोषण देता है,
और आपके पूरे शरीर में हार्मोन, विटामिन और अन्य पदार्थों को स्थानांतरित करता है।
एल्ब्यूमिन की जांच से पता चलता है कि आपका लिवर इस विशेष प्रोटीन को कितनी अच्छी तरह से बना रहा है। एल्ब्यूमिन की वैल्यू कम आने का मतलब है कि आपका लिवर ठीक काम नहीं कर रहा है। हालांकि खराब पोषण, गुर्दे की बीमारी, संक्रमण और सूजन के कारण भी एल्ब्यूमिन के परिणाम असामान्य हो सकते हैं।
एल्ब्यूमिन की नॉर्मल वैल्यू आमतौर पर 3.5-5.0 (g/dl) ग्राम प्रति डेसीलीटर होती है।
5. बिलीरुबिन (Bilirubin) जांच :-
बिलीरुबिन लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनने वाला
एक बेकार उत्पाद है। यह आमतौर पर लीवर द्वारा संसाधित होता है। बिलीरुबिन (Bilirubin) आपके लिवर से होता हुआ आपके मल के माध्यम से बाहर निकल जाता है।
एक क्षतिग्रस्त लिवर बिलीरुबिन को ठीक से संसाधित नहीं कर पाता है जिसके परिणाम स्वरूप रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने लगती है। और बिलीरुबिन की बढ़ी हुई मात्रा का मतलब है कि आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है। या आपके पित्त नलिकाओं में रुकावट हो सकती है।
कुल बिलीरुबिन (Total Bilirubin) की नॉर्मल वैल्यू
आमतौर पर 0.1-1.2 (mg/dl) मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होती है।
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लिवर की बिमारियों के लक्षण :-
• कमजोरी और थकान
• वजन घटना
• पीलिया (पीली त्वचा और आँखें)
• उल्टी और जी मिचलाना
• दस्त
• पेट में दर्द
• गहरे रंग का मूत्र या हल्का मल
यदि आप इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
लिवर फंक्शन टेस्ट रिजल्ट्स नार्मल रेंज (LFT test normal range)
LFT TEST | Normal Range |
---|---|
Total Bilirubin | 0.1 - 1.3 mg/dL |
Direct Bilirubin | 0 - 0.3 mg/dL |
Indirect Bilirubin | 0.1 - 1.0 mg/dL |
SGPT (ALT) | 10 - 40 U/L |
SGOT (AST) | 10 - 40 U/L |
Alkaline phosphatase (ALP) | 50 - 126 KA Units in Adults. |
Total Protein | 6.0 - 8.0 g/dL |
Albumin | 3.7 - 5.3 g/dL |
Globulin | 2.3 - 3.5 g/dL |
A:G Ratio | 1.2 - 2.0.1 g/dL |
क्या लिवर फंक्शन टेस्ट खाली पेट होता है ?
नहीं, इस जांच को आप किसी भी समय करवा सकते हैं।
भारत में लिवर फंक्शन टेस्ट का खर्च लगभग 400 से 750 रूपए तक हो सकता है।
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