सोशल फोबिया या सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर क्या है?
सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है, इसे सोशल फोबिया (Social Phobia) भी कहा जाता है, इस बीमारी वाले मरीज को अकेले घर से बाहर जाने में और भीड़ भाड़ वाले स्थानों में डर और घबराहट होने लगती है और लगातार मन में नकारात्मक विचार आते रहते हैं।यह एक आम समस्या है जो आमतौर पर किशोरावस्था के दौरान शुरू होती है। यह बहुत परेशान करने वाला हो सकता है और आपके जीवन पर इसका बड़ा असर हो सकता है। आमतौर पर बहुत से लोग कभी-कभी सामाजिक स्थितियों के बारे में चिंता करते हैं, लेकिन सोशल फोबिया वाले व्यक्ति को अत्यधिक चिंता महसूस होती है।
सामाजिक चिंता और शर्म से ज्यादा यह एक डर है जो दूर नहीं जाता और रोजमर्रा के कामकाज, आत्मविश्वास, रिश्तों और स्कूली जीवन को प्रभावित करता है। कुछ लोगों में यह बीमारी उम्र बढ़ने के साथ साथ ठीक हो जाती है, लेकिन कई लोगों को उपचार की जरूरत पड़ती है। यदि आपको लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको मनोचिकित्सक (Psychiatrist) से इसका इलाज करवाना चाहिए और इसका इलाज संभव है।
सोशल फोबिया के लक्षण :-
सोशल फोबिया के मरीजों में अक्सर बीमार महसूस करना, पसीना आना, कांपना या दिल की धड़कन तेज होना जैसे लक्षण होते हैं।
यदि आपको यह बीमारी है तो आपको रोजमर्रा की गतिविधियों में जैसे कि अजनबियों से बातचीत शुरू करने में, या खरीदारी करने में घबराहट होगी और आप ज़्यादा लोगों के समूह में वार्तालाप और भीड़ भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचने लगते हैं।
आपके लिए समाज में बहुत सी चीजें करना मुश्किल हो जाता है आपको ऐसा लगता है कि आपको हर समय देखा जा रहा है और जज किया जा रहा है आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बहुत ही कम होने लगता है और आपके मन में आलोचना का डर बना रहता है।
अक्सर इस बीमारी से पीड़ित लोग अपने डर को कम करने के लिए शराब और नशीले पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। कई मरीजों में डिप्रेशन, एंजाइटी डिसऑर्डर और पैनिक डिसऑर्डर जैसी अन्य मानसिक बिमारियां भी उत्पन्न होने लगती है।
यह बीमारी बच्चों को भी प्रभावित कर सकती है
इस बीमारी के कारण बच्चा अधिक रोने लगता है और चिड़चिड़ा होने लगता है अक्सर बच्चा स्कूल जाने अन्य बच्चों और वयस्कों के साथ बातचीत करने से और स्कूल के कार्यक्रमों में भाग लेने से डरने लगता है।
सोशल फोबिया की जांच कैसे की जाती है?
इसकी जांच मरीज के लक्षणों के आधार पर की जाती है।
सोशल फोबिया के कई उपचार उपलब्ध हैं सोशल फोबिया का इलाज मनोचिकित्सक (Psychiatrist) के द्वारा किया जाता है। जिसमे मुख्य रूप से कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी(CBT) और एंटीडिप्रेसेंट दवाएं (Antidepressant medicines) शामिल है।
• कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) :- कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी एक चिकित्सा है जिसमें मरीज के व्यवहार और नकारात्मक विचारों के पैटर्न की पहचान करके उन्हें बदला जाता है। CBT को सबसे अच्छा उपचार माना जाता है।
• एंटीडिप्रेसेंट दवाएं :- एंटीडिप्रेसेंट दवाएं जिनमें आमतौर पर सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (SSRI) जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है, आमतौर पर 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों के इलाज के लिए इन दवाओं का उपयोग नहीं किया जाता।
सोशल फोबिया कैसे दूर करें ?
इस समस्या से निजात पाने के लिए आप निम्नलिखित घरेलू टिप्स को आजमा सकते हैं :-
• आप अपने सारे डर को एक डायरी में लिख कर उनको समझने की कोशिश करें।
• अपने तनाव को कम करने के लिए व्यायाम, योगा और मेडिटेशन करें।
• चुनौतीपूर्ण स्थितियों को छोटे- छोटे टुकडों में तोड़ कर देखें।
• अपने परिवार के सदस्यों से अपने विचारों और भावनाओं को साझा करें।
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