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ESR Test in hindi। ईएसआर परीक्षण नार्मल रेंज

ESR Test in hindi। ईएसआर परीक्षण नार्मल रेंज
ESR Test

📒 TABLE OF CONTENT

ESR टेस्ट क्या होता है? ESR Test in hindi

ESR टेस्ट एक प्रकार का रेड ब्लड सेल की जांच करने वाला रक्त परीक्षण है, जिससे आपके शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन (Inflammation) का पता लगाया जा सकता है। यह सूजन किसी संक्रमण, चोट या किसी बिमारी के कारण हो सकती है। इस टेस्ट से ऑटोइम्यून डिजीज, संक्रमण, ट्यूमर जैसी कई गंभीर बीमारियों का अनुमान लगाया जाता है। यह सबसे सस्ती और सरल ब्लड जांच होती है। इस जांच को करने के लिए आपके ब्लड सेंपल की जरूरत पड़ती है, जोकि आपके हाथ की नस में से सिरिंज के द्वारा निकाल लिया जाता है।

ESR टेस्ट का फुल फॉर्म

ESR जांच का फुल फॉर्म एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट (erythrocyte sedimentation rate) होता है।

ESR टेस्ट क्यों किया जाता है?

ESR ब्लड टेस्ट आपके शरीर में सूजन (Inflammation) का पता लगाने के लिए किया जाता है, जब आपके डॉक्टर को लगता है कि आपके शरीर में इन्फेक्शन, ऑटोइम्यून डिजीज, या कोई अन्य बीमारी हो सकती है तब आपको यह जांच करवाने के लिए बोला जाता है। ज़्यादतर इस टेस्ट के साथ आपको CBC टेस्ट और CRP टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है, इस जांच को अन्य जांचों के साथ ही किया जाता है ऐसा इस लिए है क्यूंकि यह टेस्ट सिर्फ शरीर में सूजन का संकेत देता है लेकिन उस सूजन की वजह क्या है इसका पता नहीं चल पाता इसीलिए इस टेस्ट के साथ अन्य जांचों को करना पड़ता है।

ESR टेस्ट की नार्मल रेंज कितनी होनी चाहिए? ईएसआर परीक्षण नार्मल रेंज:-

ESR टेस्ट की नार्मल वैल्यू आपके उम्र और लिंग के आधार पर निर्धारित की जाती है, जोकि निम्नलिखित है।

  • नवजात शिशु में इसकी नॉर्मल रेंज 2mm/hr से कम होनी चाहिए।

  • बड़े बच्चों में इसकी नॉर्मल रेंज 2 से 13mm/hr के बीच में होनी चाहिए।

  • 50 वर्ष से कम उम्र वाले पुरुषों में ESR टेस्ट की नॉर्मल वैल्यू 15mm/hr से नीचे होती है।

  • 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले पुरुषों में इसकी नॉर्मल रेंज 20mm/hr से कम होती है।

  • 50 वर्ष से कम उम्र वाली महिलाओं में इसकी नार्मल रेंज 20mm/hr से कम होती है।

  • 50 वर्ष से अधिक उम्र वाली महिलाओं में इसकी नॉर्मल रेंज 30mm/hr के नीचे होती है।

ESR क्यों बढ़ जाता है? ईएसआर बढ़ने के कारण:-

ऐसे बहुत से कारण हैं जो आपके ESR लेवल को बढ़ा सकते हैं जोकि कुछ इस प्रकार हैं:

1. महिलाओं में मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान इसका का लेवल थोड़ा बढ जाता है।

2. यदि किसी व्यक्ति को खून की कमी (Anemia) हो तो इस स्थिति में इसका स्तर बढ़ सकता है।

3. इसके अलावा ESR का स्तर इन्फेक्शन, ट्यूबरक्यूलोसिस, कॉरोना वायरस, गठिया, लिंफोमा, मल्टीपल मायलोमा, थायरॉइड रोग, हृदय रोग, लिवर रोग, ऑटोइम्यून डिजीज, और इन्फ्लेमेटरी डिजीज के कारण बढ सकता है।

4. कॉरोना वायरस (Covid 19) के कारण भी ESR का लेवल बढ जाता है, क्योंकि कॉरोना वायरस आपके फेफड़ों को संक्रमित करके फेफड़ों में सूजन (Inflammation) पैदा करता है।

(इसे भी पढ़ें- मर्दाना कमज़ोरी के लक्षण, कारण और उपचार)

ESR लेवल कम होने के कारण :- 

हालांकि इसका लेवल कम होना कोई समस्या का कारण नहीं बनता लेकिन अगर इसका स्तर बहुत कम हो जाए तो यह निम्नलिखित बीमारियों का संकेत हो सकता है।

1. एलर्जी
2. सिकल सेल एनेमिया
3. पेप्टोन शॉक
4. पोलीसाइथेमिया
5. सिवीयर ल्यूकोसाइटोसिस

ESR टेस्ट करवाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

इस जांच को करवाने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें जैसे कि अगर आप मौजूदा समय में कोई सप्लिमेंट या दवाई ले रहे हैं तो उसके बारे में अपने डॉक्टर ज़रूर बताएं क्योंकि कुछ दवाइयां ऐसी होती हैं जो आपके ESR की रिपोर्ट को गलत कर सकती हैं जिनमें Methadone, Valproic Acid, Phenothiazine, Estrogen, Testosterone, NSAIDs और Prednisone जैसी दवाइयां शामिल हैं।

इसके अलावा महिलाओं में गर्भावस्था और मासिक धर्म के कारण भी इसका लेवल थोड़ा ऊपर नीचे हो सकता है।

ESR टेस्ट कैसे किया जाता है?

ESR टेस्ट यानि कि एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट (erythrocyte sedimentation rate) जैसा कि इस टेस्ट के नाम से ही पता चलता है कि इस जांच में एरिथ्रोसाइट यानि कि रेड ब्लड सेल (RBC) की जांच की जाती है जिसमें इसका सेडिमेंटेशन रेट चेक किया जाता है जिसका मतलब होता है RBC के आपस में चिपकने का समय, इसको करने के लिए आपके हाथ की नस से एक पतली सिरिंज के द्वारा खून का नमूना लिया जाता है और उस खून के नमूने को एक टेस्ट ट्यूब में डाल कर देखा जाता है कि रेड ब्लड सेल (RBC) एक दूसरे के साथ कितनी देर में चिपक कर टेस्ट ट्यूब के नीचे बैठते हैं। इसी लिए इसका रिज़ल्ट मिलीमीटर प्रति घंटा में मापा जाता है।

शरीर में सूजन की वजह से RBC की चिपकने की दर बढ़ जाती है क्योंकि जब शरीर में सूजन होती है तो शरीर में कुछ प्रकार के प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है यह प्रोटीन RBC को आपस में चिपकने में मदद करते हैं, जिसकी वजह से RBC का सेडिमेंटेशन रेट भी बढ जाता है।

ESR घटाने के उपाय:-

जैसा कि हमने आपको बताया कि यह टेस्ट शरीर में संक्रमण, ऑटोइम्यून डिजीज या किसी अन्य बीमारी के कारण आई सूजन का संकेत देता है। इसको घटाने के लिए आपको उस परेशानी का इलाज करना पड़ेगा जिससे आपके ESR का स्तर अपने आप नार्मल हो जाएगा।

इसके साथ आप कुछ ऐसी चीजें अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं जोकि सूजन को कम करती हैं जैसे कि हल्दी। लेकिन ध्यान रखें किसी भी चीज का सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।

(और पढ़ें- हल्दी के गुण और फ़ायदे)

बढ़े हुए ESR में क्या खाना चाहिए?

बढ़े हुए ESR में आपको भोजन में एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइन्फ्लेमेटरी डाइट लेनी चाहिए, यह डाइट आपके शरीर में सूजन को कम करने में मदद करती है, इस डाइट में आप अपने भोजन के साथ Omega-3 फैटी एसिड, ग्रीन टी, हल्दी और एवोकैडो, अंगूर, मशरूम, ब्रोकली जैसी अच्छी सब्जियां और फल शामिल कर सकते हैं। एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइन्फ्लेमेटरी डाइट के लिए आप अपने डॉक्टर या डायटिशियन से एक डाइट चार्ट बनवा सकते हैं।

बढ़े हुए ESR में क्या नहीं खाना चाहिए?

  • इसमें आपको बाहरी पैकिंग वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि व्हाइट ब्रेड, व्हाइट पास्ता, चिप्स, क्रैकर्स और प्रोसेस्ड कार्ब्स (Carb's) नहीं खाने चाहिए।

  • ज़्यादा तली भुनी और मसालेदार चीजें जैसे कि टिक्की, बर्गर, और रेड मीट का भी सेवन नहीं करना चाहिए।

  • इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक्स, सिगरेट और शराब भी नहीं लेना चाहिए यह सारी चीजें आपके शरीर में सूजन और कई गंभीर बीमारियां पैदा करती हैं।

ESR Test Price in India

भारत में ESR टेस्ट की कीमत 50 रुपए से लेकर 200 रुपए तक हो सकती है।

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