Skip to main content

हर्निया क्या होती है। About hernia in hindi

हर्निया क्या होती है। About hernia in hindi
Image Source- wikimedia commons

🌲TABLE OF CONTENTS

हर्निया क्या है? About hernia in hindi

हर्निया रोग में आपके आमाशय (Stomach) या आंतों (Intestine) का कुछ हिस्सा आपके पेट की मांसपेशियों से बाहर निकल जाता है। यह पेट की मांसपेशियां आपके सारे अंदरूनी अंगों को अपनी-अपनी जगह पर फिट रखने में मदद करती हैं, लेकिन जब यह मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती है तब पेट के अंदरूनी अंगों के दबाव के कारण आपके आंतों का कुछ हिस्सा अपनी जगह से फिसलकर बाहर की तरफ निकल आता है, जिसे हम हर्निया कहते हैं। ज़्यादतर हर्निया जानलेवा नहीं होती लेकिन अगर इसका इलाज ना करवाया जाए तो इससे होने वाले नुकसान घातक हो सकते हैं।

हर्निया कितने प्रकार के होते हैं? Types of hernia in hindi

हर्निया कई प्रकार की होती हैं जैसे कि, इंग्वाइनल हर्निया, फीमोरल हर्निया, अंबिलिकल हर्निया, इंसिजनल हर्निया, एपिगस्ट्रिस हर्निया और हाइटल हर्निया। सभी हर्निया का मतलब एक ही होता है लेकिन इसके पेट में अलग-अलग जगह पर होने की वजह से इसको अलग-अलग नाम से जाना जाता है।

1. इंग्वाइनल हर्निया (Inguinal hernia) :- 

इंग्वाइनल हर्निया पुरुषों में सबसे अधिक होती हैं, इसमें आपकी छोटी आंत का कुछ हिस्सा अपनी जगह से फिसलकर नीचे अंडकोष वाली जगह पर आ जाता है।

2. फीमोरल हर्निया (Femoral hernia) :-

फीमोरल हर्निया एक असामान्य प्रकार का हर्निया है। यह जांघ के ऊपरी हिस्से में एक गांठ के रूप में दिखाई देती हैं जिसमे दर्द भी होता है, आपके लेटने से अक्सर यह गांठ गायब हो जाती है और खांसने या जोर लगाने से यह गांठ दिखाई देने लगती है।फीमोरल हर्निया पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज़्यादा पाई जाती है।

3. अंबिलिकल हर्निया (Umbilical hernia) :-

अंबिलिकल हर्निया में आपकी नाभि फूली हुई दिखाई देती है, इसमें आपकी नाभि की मांसपशियां कमज़ोर होने के कारण आपकी आंतों का कुछ भाग नाभि वाली जगह पर चला जाता है, और नाभि ऊपर की ओर फूली हुई दिखाई देती है।अंबिलिकल हर्निया ज़्यादतर छोटे बच्चों में पाई जाती हैं। छोटे बच्चों में यह 1 से 2 साल में अपने आप ठीक हो जाती हैं, लेकिन अगर बच्चे की उम्र 5 साल से अधिक है तो यह अपने आप ठीक नहीं होती और इसका इलाज करवाने की जरूरत पड़ सकती है। यह बूढ़े लोगों में भी देखने को मिल सकती हैं।

4. इंसिजनल हर्निया (Incisional hernia) :-

यह हर्निया पेट की सर्जरी के बाद टांके वाली जगह पर होती हैं, पेट की सर्जरी के बाद इंसिजनल हर्निया होने की संभावना 10 से 15 प्रतिशत तक होती है।

5. एपिगस्ट्रिस हर्निया (Epigastric hernia) :-

एपिगस्ट्रिस हर्निया आपके पेट में नाभि के ऊपर और स्टर्नम हड्डी के नीचे होती हैं, यह बड़े और छोटे बच्चे दोनों में हो सकती है। इसमें आपको भारी समान उठाते समय और छींकते समय पेट में दर्द हो सकता है, और पेट फूलने जैसी समस्या आ सकती है।

6. हाइटल हर्निया (Hiatal hernia) :-

हाइटल हर्निया में आपके आमाशय (Stomach) का कुछ हिस्सा आपके डायाफ्राम की मांसपेशियों से होता हुआ ऊपर की तरफ आपकी छाती वाले हिस्से में चला जाता है, यह बाहर से नहीं दिखाई देती इसका पता लगाने के लिए आपकी एंडोस्कोपी करनी पड़ती है। हाइटल हर्निया में पेट में हल्का दर्द, सीने में जलन जैसी समस्या हो सकती है, लेकिन कई मरीजों में कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देता।

हर्निया के लक्षण क्या होते हैं? Symptoms of hernia in hindi

हर्निया में आपको पेट में गांठ जैसा दिखाई दे सकता है, इसके साथ आपके पेट में दर्द हो सकता है, उल्टियां हो सकती हैं, हाइटल हर्निया में आपकी छाती में दर्द और जलन हो सकती है। कई मामलों में हर्निया के कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देते और जांच करने पर अचानक पता चलता है कि आपको हर्निया है।

हर्निया रोग क्यों होता है? Causes of hernia in hindi

हर्निया के कारण -

अलग-अलग प्रकार की हर्निया के कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं, आमतौर पर हर्निया आपके अंदरूनी अंगों या आंतों पर दबाव पड़ने के कारण होती है। यह नवजात शिशु में जन्मजात भी हो सकती हैं, ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि कई बच्चों में पेट की परत या मांसपेशियां अच्छे से विकसित नहीं हो पाती। इसके अलावा बड़े लोगों में उम्र बढ़ने के कारण पेट की मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं, जिसकी वजह से उन्हें हर्निया होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से आपको यह रोग हो सकता है, आईए जानते हैं इसके कुछ मुख्य कारणों के बारे में:- 

1. भारी समान उठाने से
2. पुरानी कब्ज की वजह से
3. पुरानी खांसी की वजह से
4. पेट में पानी भरने की वजह से
5. मोटापे के कारण
6. महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान पेट में प्रेशर बढ़ने की वजह से उन्हें हर्निया रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

हर्निया से बचने के उपाय (Prevention)

इस रोग से बचने के लिए आप ऐसे कारकों को नियंत्रित कर सकते हैं जिनसे आपके पेट में तनाव और प्रेशर बढ रहा हो जैसे कि :- 

• अगर आपका वजन ज़्यादा है तो इसे कम करें।
• यदि आपको पुरानी कब्ज है तो आप अपने भोजन में फाइबर की मात्रा बढ़ा सकते हैं जिससे पेट जल्दी साफ होगा।
• यदि आपको पुरानी खांसी आ रही हो तो इसका इलाज करवाएं और धूम्रपान ना करें।
• ज़्यादा वजन ना उठाएं।
• यदि आपको हर्निया के शुरुआती लक्षण नजर आए तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं ताकि शुरुआत में ही इसे रोका जा सके।

हर्निया से होने वाले नुकसान - Complications of hernia in hindi

यदि हर्निया का इलाज ना किया जाए तो इससे होने वाले नुकसान घातक हो सकते हैं, आपकी परेशानी समय के साथ-साथ बढ़ सकती है, हर्निया के चलते आपके रोज के कामकाज में परेशानी होने लगती है इससे आपकी सेक्सुअल लाइफ भी प्रभावित होती है। इसके अलावा हर्नियों के आसपास दर्द और सूजन हो सकती है, कभी कभी इसके कारण आपकी आंतों में रुकावट पैदा हो सकती है जिससे आपको तेज़ दर्द, जी मिचलाना, और कब्ज जैसी समस्या हो सकती है। कई बार आपकी आंतों में ब्लड सर्कुलेशन रुकने की वजह से इन्फेक्शन हो जाता है और आंतें सड़ने लगती हैं यह एक आपातकालीन स्थिति होती है इसमें तुरंत सर्जरी करनी पड़ती है।

हर्निया की जांच कैसे होती है - Diagnosis of hernia in hindi

हर्निया की जांच करने के लिए सबसे पहले आपके डॉक्टर के द्वारा आपका फिजिकल एग्जामिनेशन किया जाता है, जिसमे आपके पेट और जांघों वाले हिस्से को जांचा जाता है, इसके साथ आपके पेट का अल्ट्रासाउंड, X-rays, और सीटी स्कैन भी किया जा सकता है। इसके अलावा हाइटल हर्निया (Hiatal hernia) का पता लगाने के लिए आपका चेस्ट X-rays और एंडोस्कोपी किया जा सकता है, एंडोस्कोपी की जांच केवल आपके पेट के डॉक्टर (Gastroenterologist) द्वारा ही की जाती है।

हर्निया का इलाज क्या है - hernia treatment in hindi

हर्निया का इलाज करवाने के लिए आपको सर्जरी की जरूरत पड़ती है, इसके लिए दो प्रकार की सर्जरी की जाती है जिसमे ओपन सर्जरी (Open Surgery) और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) होती है।

हर्निया की ओपन सर्जरी (Open Surgery):-

ओपन सर्जरी में आपके सर्जन के द्वारा हर्निया वाली जगह पर एक बड़ा चिरा लगाया जाता है और आपके प्रभावित अंग को उसकी सही जगह पर फिट करके टांका लगा दिया जाता है। ओपन सर्जरी में मरीज को ठीक होने समय ज़्यादा लगता है। कुछ मरीजों में हर्निया की समस्या दोवारा हो सकती है, हर्निया दोवारा होने की संभावना को पेट में जाली (surgical mesh) लगाकर कम किया जा सकता है। 

हर्निया की लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery):- 

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में मरीज के छोटे-छोटे दो से तीन छेद किए जाते हैं और उन छेद में कैमरा और लैप्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट्स डाल कर हर्निया को ठीक किया जाता है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में मरीज जल्दी ठीक हो जाता है और मरीज को ज़्यादा तकलीफ भी नहीं होती। लेकिन कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें लैप्रोस्कोपिक सर्जरी नहीं की जा सकती और उनमें ओपन सर्जरी करनी पड़ती है।

हर्निया ऑपरेशन के बाद क्या करना चाहिए?

ऑपरेशन के बाद आपको अपने डॉक्टर के दिशानिर्देश अनुसार अपनी दवाई और डाइट को लेना चाहिए, अपने टांके का खास ध्यान रखें और साफ सफाई रखें। वजन उठाने से परहेज़ करें, सिगरेट और शराब का सेवन ना करें, अपने टांकों पर खिंचाव ना पड़ने दें, और यदि टांके वाली जगह पर इन्फेक्शन हो रहा हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

(और पढ़ें) :-📝🆕